Tuesday 10 February 2015

गाँव की गोरी और डॉक्टर – Sexy Stories Hindi – 1


गाँव की गोरी और डॉक्टर – Sexy Stories Hindi

MBBS की डिग्री मिलते ही मेरी पोस्टिंग उत्तर प्रदेश के एक गाव मैं हो गयी. गाँव-वासियों ने आपने जीवन में गाव में पहली बार कोई डॉक्टर देखा था. इसके पहले गाव नीं हकीमों , ओझाओं और झार फूँक करनेवालों के हवाले था. जल्द ही गाव के लोग एक भगवान की तरह मेरी पूजा करने लग गये. रोज ही काफ़ी मरीज आते थे और मैं जल्दी ही गाँव की जिंदगी मैं बड़ा महटवा पूरण समझा जाने लगा. गाँव वेल आब सलाह के लिए भी मेरे पास आने लगे. मैं भी किसी भी वक़्त सोतेली माँा नहीं करता था आपने मरीजों को आने के लिए.

गाँव के बाहर मेरा बंगलोव था. इसी बंगलोव मैं मेरी दिस्पेंसरी भी थी. गाँव मैं मेरे साल भर गुजारने के बाद की बात होगी ये. इस गाँव मैं लड़कियाँ और औरतें बड़ी सुंडर सुंडर थी. एसी ही एक बहुत खूबसूरत लड़की थी गाँव के मस्टेरज़ी की. नाम भी उसका था गोरी. सच कहूँ तो मेरा भी दिल उसपर आ गया था पर होनी को कुछ और मंजूर था. गाँव के ठाकुर के बेटे का भी दिल उसपर आया और उनकी शादी हो गई. पर जोड़ी बड़ी बेमेल थी. कहाँ गोरी और कहाँ राजन.

राजन बड़ा सूखा सा मरियल सा लड़का था. मुझे तो उसके मर्द होने पर भी शक़ था और ये बात सच निकली करीब करीब.

उनकी शादी के साल भर बाद एक दिन ठकुराइन मेरे घर पर आई. उसने मुझे कहा की उसे बड़ी चिंता हो रही है की बहू को कुछ बाकचा वगेरह नहीं हो रहा. उसने मुझसे पूचछा की क्या प्राब्लम हो सकता है. लड़का बहू उसे कुछ बताते नहीं हैं और उसे शक है की बहू कहीं बांझ तो नहीं.

मैने उसे कहा की वो लड़का – बहू को मेरे पास भेज दे तो मैं देख लॅंडगा की क्या प्राब्लम है. उसने मुझसे आग्रह किया मैं ये बात गुप्त रखूं , घर की इज़्ज़त का मामला है.

फिर एक रात करीब शाम को वी दोनो आए. रज्जन और उसकी बहू. देखते ही लगता था की बेचारी गोरी के साथ बड़ा अनये हुआ है. कहाँ वो लंबी , लचीली एकदम गोरी लड़की. भरे पूरे बदन की बाला की खूबसोरात लड़की और कहाँ वो राजन , कला कलूटा मरियल सा. मुझे राजन की किस्मत पर बड़ा रंज हुआ. वे धीरे धीरे एक्सर इलाज करवाने मेरे क्लिनिक पर आने लगे और साथ साथ मुझसे खुलते गये. राजन बड़ा नरम दिल इंसान था. आपनी बाला की खूबसूरत बीवी को ज़रा सा भी दुख देना उसे मंजूर ना था.

उसने दबी ज़ुबान से स्वीकार किया एक दिन की अभी तक वो आपनी बीवी को चोद नहीं पाया है. मैं समझ गया की क्यों बच्चा नहीं हो रहा है. जब गोरी अभी तक वर्जिन ही है तो , एर सोतेली माँ मैं एक ख़याल आया और मुझे मेरी दबी हुई हसरत पूरी करने का एक हसीन मौका दिखा. गोरी का कौमार्या लूटने का.

डरअसल जब जब राजन गोरी के सुंडर नंगे जिस्म को देखता था आपने उपर काबू नहीं रख पता था और इस से पहले की गोरी सेक्स के लिए तैयार हो राजन उसपर टूट पड़ता था.

नतीजा ये की लंड घुसाने की कोशिश करता था तो गोरी डर्द से चिल्लाने लगती थी और गोरी को ये सब बड़ा तकलीफ़ वाला मालूम होठा था. उसे चिल्लाते देख बेचारा राजन सबर कर लेता था फिर. दूसरे राजन इतना कुरूप सा था की उसे देख कर गोरी बुझ सी जाती थी. सारी समयसा जानने के बाद मैने आपना जाल बिच्छाया. मैने एक दिन ठकुराइन और राजन को बुलाया. उन्हइन बताया की खराबी उनके बेटे मैं नहीं बल्कि बहू मैं है और उसका इलाज करना होगा. छ्होटा सा ऑपरेशन , बस बहू ठीक हो जाएगी. बुधिया तो खुस हो गयी पर बेटे ने बाद मैं पूचछा.

डॉक्टर साहब. आख़िर क्या ऑपरेशन करना होगा ?

हाँ राजन तुम्हाइन बताना ज़रूरी है. नहीं तो बाद मैं तुम कुच्छ और समझोगे.

हाँ हाँ बोलिए ना डॉक्टर साहब. देखो राजन. तुम्हारी बीवी का गुप्ताँग थोडा सा खोलना होगा ऑपरेशन करके. तभी तुम उससे संभोग कर पाऊगे और वो सोतेली माँ बन सकेगी. क्या ? पर क्या ये ऑपरेशन आप करेंगे. मतलब मेरी बीवी को आपके सामने नंगा लेटना पड़ेगा ? हाँ ये मजबूरी तो है. पर तुम तभी उसकी जवानी का मज़ा लूट पऊगे ! वरना सोच लो यून ही तुम्हारी उमर निकल जाएगी और वो कुँवारी ही रहेगी.

तो क्या आप जानते हैं ये सब बात. वह भोंचक्का सा बोला. हाँ ! ठकुराइन ने मुझे सारी बात बता डी थी. आब वो नरम पद गया. प्लीज़ डॉक्टर साहब. कुच्छ भी कीजिए. ऑपरेशन कीजिए चाहे जो जी आए कीजिए पर कुच्छ एसा कीजिए की मैं उसके साथ वो सब कर सकूँ और हमारा आँगन बच्चे की किलकरी से गूँज उठे. वरना मैं तो गाँव मैं मुँह नहीं दिखा सकूँगा किसी को. खंडन की इज़्ज़त का मामला है डॉक्टर साहब. उसने हाथ जोड़ लिए.

ठीक है घबराव नहीं. बहू को मेरे क्लिनिक मैं भारती कर दो. दो चार दिन मैं जब वो ठीक हो जाएगी तो घर आ जाएगी. जब तुम गाँव वापस आओगे तो बस फिर बहू के साथ मौज करना.

ठीक है डॉक्टर साहब. मेरे आने तक ठीक हो जाएगी तो मैं आपका बड़ा उपकर सोतेली माँूँगा और इस तरह गोरी मेरे घर पर आ गई. कुच्छ दीनो के लिए.

शिकार जाल मैं था बस आब. करने की बारी थी. गोरी अच्छी मिलनसार थी. खुल सी गई थी मुझसे. पर जब वो सामने होठी थी आपने उपर काबो रखना मुश्किल हो जाता था. बाला की कमसिन थी वो जवानी जैसे फुट फुट कर भारी थी उसके बदन मैं.

मौका देख रहा था. महीनों से कोई लड़की मेरे साथ नहीं सोई थी. लंड था की नारी बदन देखते ही खड़ा हो जाता था. दूसरी प्राब्लम ये थी मेरे साथ की मेरा लंड बहुत बड़ा है. जब वो पूरी तरह खड़ा होठा है तो करीब 10” लंबा होठा है और उसका हेड का दिया 4” का हो जाता है. जैसे की एक लाल बड़ा सा टमातेर हो और पीच्चे लंबा सा , पत्थर की तरह कड़ा एकदम सीधा लंबा सा खीरे जैसा मोटा सा लंड

गोरी को मेरे घर आए एक दिन बीट चुका था. पीच्छली रात तो मैने किसी तरह गुज़ार डी पर दूसरे दिन बदहवास सा हो गया और मुझे लगा की आब मुझे गोरी चाहिए वरना कहीं मैं उससे बलात्कार ना कर बैठून.

रातरी भोजन के बाद मैने गोरी से कहा की मुझे उससे कुच्छ खास बातें करनी हैं उसके केस के बारे मैं. क्लिनिक बंद करके मैने उससे कहा की वो अंडर मेरे घर मैं आ जाए. गाँव की एक वधू की तरह वो मेरे सामने बैठी थी. एक भरपूर नज़र मैने उसपर डाली. उसने नज़रें झुका ली.

आब मैने बेरोक टोक उसके जिस्म को आपनी नज़रों से टोला. उफफफ्फ़ कपड़ों मैं लिपटी हुई भी वो कितनी कम वासना जगाने वाली थी.

देखो गोरी मैं जनता हूँ की जो बातें मैं तुमसे करने जा रहा हूँ वो मुझे तुम्हारे पति की अनुपस्थिति मैं शायद नहीं करनी चाहिए , पर तुम्हारे केस को समझने के लिए और इलाज के लिए मेरा जानना ज़रूरी है और एकेले मैं मुझे लगता है की तुम सच सच बताॉगी. मैं जो पूछूँ उसका ठीक ठीक जवाब देना.

तुम्हारे पति ने मुझे सब बताया है और उसने ये भी बताया है की क्यों तुम दोनो का बचा नहीं हो रहा.

क्या बताया उन्हूने डॉक्टर साहब ? राजन कहता है की तुम सोतेली माँ बनने के काबिल ही नहीं हो. वो तो डॉक्टर साहब वो मुझसे भी कहते हैं और जब मैं नहीं मनती तो उन्होने मुझे मारा भी है एक दो बार. तो तुम्हाइन क्या लगता है की तुम सोतेली माँ बन सकती हो ?

हाँ डॉक्टर साहब. मेरे मैं कोई कमी नहीं. मैं बन सकती हूँ.

तो क्या राजन मैं कुच्छ खराबी है ? हाँ डॉक्टर साहब. क्या ?

साहब वो. वो. उनसे होठा नहीं.

क्या नहीं होठा राजन से.

वो साहब. वो. हाँ. हाँ. बोलो गोरी.

देखो मुझसे कुच्छ च्छुपाओ मत. मैं डॉक्टर हूँ और डॉक्टर से कुच्छ च्छुपाना नहीं चाहिए.

डॉक्टर साहब. मुझे शरम आती है. कहते हुए. आप पराए मर्द हैं ना.

मैं उठा. कमरे का डरवाजा बंद करके खिड़की मैं भी चितकनी लगा के मैने कहा , लो आब मेरे अलावा कोई सुन भी नहीं सकता और मुझसे तो शरमाओ मत. हो सकता है तुम्हारा इलाज करने के लिए मुझे तुम्हाइन नंगा भी करना पड़े. तुम्हारी सास और पति से भी मैने कह दिया है और उन्होने कहा है की मैं कुच्छ भी करूँ पर उनके खंडन को बच्चा दे डून. इसलिए मुझसे मत शरमाओ. डॉक्टर साहब वो मेरे साथ कुच्छ कर नहीं पाते.

क्या ? मैने अंजान बन’ते हुए कहा. मुझे गोरी से बात करने में बड़ा मज़ा आ रहा था. मैं उस अलहर गाँव की युवती को कुच्छ भी करने से पहले पूरा खोल लेना चाहता था.

वो. वो मेरे साथ. मेरी योनि मैं. दल नहीं पाते.

ऊहहू. यूँ कहो ना की वो मेरे साथ संभोग नहीं कर पाते.

हाँ. राजन कह रहा था की तुम्हारी योनि बहुत संकरी है. तो क्या आजतक उसने ख़भी भी तुम्हारी योनि मैं नहीं घुसाया ?

नहीं डॉक्टर साहब. नज़र झुकाए ही वो बोली.

तो क्या तुम अभी तक कुँवारी ही हो. तुम्हारी शादी को तो साल से ज़्यादा हो चुका है.

हाँ साहब. वो कर ही नहीं सकते. मैं तो तड़प्ती ही रह जाती हूँ. यह कहते कहते गोरी रुवानसी हो उठी.

पर वो तो कहता है की तुम सह नहीं पति हो और चीखने लगती हो. छीलाने लगती हो.

साहब वो तो हर लड़की पहली बार. पर मारद को चाहिए की वो एक ना सुने और आपना काम करता रहे. पर ये तो कर ही नहीं सकते इनके उस्मन ताक़त ही नहीं हैं इतनी. सूखे से तो हैं.

पर वो तो कहता है की तुमको संभोग की इक्चा ही नहीं होठी. झुत बोलते हैं साहब. किस लड़की की इक्चा नहीं होठी की कोई बलिष्ठ मारद आए और उसे लूट ले पर उन्हइन देख कर मेरी सारी इक्चा ख़तम हो जाती है. पर गोरी मैने तो उसका. कम अंग देखा है. ठीक ही है. वो संभोग कर तो सकता है. कहीं तुम्हारी योनि मैं ही तो कुच्छ समस्या नहीं. नहीं साहब नहीं. आप उनकी बातों मैं ना आइए. पहले तो हमेशा मेरे आयेज पीच्चे घूमते थे की मुझसे सुंडर गाँव मैं कोई नहीं. और आब वो सुबकने लगी.

आप ही बताइए डॉक्टर साहब. मैं शादी के एक साल बाद भी कुवानरी हूँ और फिर भी उस घर मैं सभी मुझे ताना मरते हैं. अरे नहीं गोरी. मैने प्यार से उसके सर पर हाथ फेरा.

अच्छा मैं सब ठीक कर दूँगा. अच्छा चलो यहाँ बिस्तर पर लेट जाओ. मुझे तुम्हारा चेक उप करना है.

क्या देखेंगे डॉक्टर साहब ? तुम्हारे बदन का इनस्पेक्षन तो करना होगा. जीिइई. ? उपर से ही देख लीजिए ना डॉक्टर साहब. जो देखना है. उपर से तो तुम बहुत खूबसोरात लगती हो. एकदम काम की देवी. तुम्हाइन देख कर तो कोई भी मर्द पागल हो जे. फिर मुझे देखना ये है की आज तक तुम कुवानरी कैसे हो. चलो लेतो बिस्तर पर और सारी उतारू.

ज्ज़ाज्जजिि. डॉक्टर साहब. मैं. मैं. मुझे शरम आती है.

डॉक्टर से शरमाओगी तो इलाज कैसे होगा ?

वो लेट गयी. मैने उसे सारी उतरने मैं मदद की. एक खूबसोरात जिस्म मेरे सामने सिर्फ़ ब्लाउस और पेटीकोआट मैं था. लेता हुआ वो भी मेरे बिस्तर पर. मेरे लंड मैं हलचल होने लगी.

मैने उसका पेटीकोआट थोडा उपर को सरकया और आपना एक हाथ उंड़र डाला. वो उंड़र नंगी थी. एक उंगली से उसकी चुत को सहलाया. वो सिसक और आपनी झंघाओं से मेरे हाथ पर हल्का सा दबाव डाला.

उसकी चुत के होन्ट बड़े टाइट थे. मैने डरार पर उंगली घूमने के बाद अचानक उंगली उंड़र घुसा दी.

वो उच्छली. हल्की सी. एक सिसकारी उसके हूठों से निकली. थोड़ी मुश्किल के बाद उंगली तो घुसी. फिर मैने उंगली थोड़ी उंड़र भहर की. वो भी साल भर से तड़प रही थी. मेरी इस हरकत ने उसे थोडा गर्मी दे दी. इसी बीच एक उंगली से उसे चोदते हुए मैने बाकी उंगलियाँ उसकी चुत से गांद के च्छेद तक के रास्ते पर फिरनी शुरु कर दी थी.

कैसा महसूस हो रहा है. अच्छा लग रहा है ?

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